अल्ला का शुक्र है,
आज ईद उल फित्र है|
हम आपको कहे सलाम वालेकुम,
आप हमे कहे वालेकुम अस्सलाम|
कभी ना एक दूजे से हम लढ़े,
बस दिल मे सबके प्यार बढ़े|
आज बस यही नारा हो,
मेरे भाई ईद मुबारक हो|(३)
नटखट नंदलाल गिरिधारी,
बजाते रहते वह बासुरी|
गौमाताकी रक्षा करना,
गोपियों संग नाच नचाना|
चर्चा होती कृष्ण भगवानकी,
हर गाँव-गाँव में, शहर-शहर में|
कभी घर घर से माखन चुराना,
कभी संकट से गाँव को बचना|
उनके आने से खिला है संसार,
उनकी तो लीला अपरंपार|