बारिश की वो बूंदे देखो
हरियाली फैलती है|
धरती की सुंदरता
वह और बढ़ाती है|
बूँद-बूँद से हर डाली
लहर-लहर लहराती है|
जैसे अपनी खुशी वो
हमे बतलाना चाहती है|
बच्चे सारे आकर बाहर
बारिश मे खूब भिगते है|
कागज की नैय्या को वे
थमे पानी मे चलते है|
यही बूँद जब एक सीप
मे मिल जाती है|
देखो-देखो कितना सुंदर
मोती वह बन जाती है|
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा