बुधवार, ३० सप्टेंबर, २०२०

किसान का कायदा

भिगी मिट्टी की खुशबूसे,

खिल उठता है घर आंगन।

खिल खिलाती फसलोंसे,

प्रफुल्लित हो जाए हर मन।


किसान बहाता था अपना पसीना,

इसकी किसीको कोई कदर ना।

कर्जे का बोझ उठाता था वो,

कायदा कानुन से अंजान था वो।


अपने स्वार्थ के लिये मत भडकाओ उसे,

झुठी कहानी के मत सुनाओ किस्से।

किसान को उसका हक मिला है,

सारे बंधनोसे स्वतंत्र हुआ है।


अब जागा है हिंदुस्तान,

किसान वापस मिला अभिमान।

अब तो मुक्त उनको जीने दो, 

उनके पक्ष मे कायदा है,  यह समझादो।


अर्चना दीक्षित

गंध ओल्या मातीचा

ओल्या शेताचा तो गंध

दरवळून टाके आसमंत 

काळ्या मातीचा सुगंध 

करत असे मन शांत


शेतकरी राहत असे हवालदिल 

फाडत असे चुकीचे बिल 

कर्जाचा डोंगर पेलत असे 

कायद्याची त्यास जाण नसे 


आज ही काळी आई 

फक्त शेतमजूराची होई

कष्टाचं त्याच्या होईल चीज 

लाभार्थी होशील आता शांत नीज 


ओल्या मातीचा तो सुवास 

शेतकर्‍यांचा बनलाय श्वास 

नष्ट होईल तुझे पारतंत्र्य 

मिळाले आहे तुज स्वातंत्र्य 


सौ अर्चना दीक्षित 

मुंबई

शुक्रवार, २५ सप्टेंबर, २०२०

विरह

 विरह या शब्दाचा अर्थ नेहमी नकारात्मक का घेता हो, 

त्यातच तर खरी प्रगती शोधा ना हो


मुलं चांगली शिकावी, नोकरी करावी मोठ्या शहरात, 

म्हणून जन्मभर काबाड कष्ट आई वडील करतात


मग नोकरीसाठी जातांना विरहाचे अश्रु गाळतात,

पक्षी उडून गेला म्हणत,  आठवण करत बसतात


मुलगी सासरी जाणार म्हणून विरहाचे अश्रु येतात,

तिचे लग्न होऊन ती सुखी राहावी म्हणून हेच चप्पल घासतात,


बदलुयात ना अर्थ, विरह म्हणजे अश्रु याचे गणित,

याच विरहामुळे होणारी प्रगतीचे करुया प्रणित 


सौ अर्चना दीक्षित 

मुंबई 




फिट इंडिया

फिटनेस की डोस, आधा घंटा रोज,

मोदीजी की ये बाते करवाती है खुदकी खोज। 


सवेरे सवेरे मंत्र उच्चार से शुरुवात करो,

यही सर्वांगीण विकास का जाप करो।


मन,  बुद्धी और भावनाओंको संतुलित रखता है योग, 

इसको जीवनमे प्राधान्य दोगे,  तो नही होगा कोई रोग। 


हर मौसम, हर प्रदेश का खाना है बडा अनमोल,

इसका योग्य सेवन करलो, यही है दादी - नानी के बोल।


अपना आरोग्य अपने हाथमे, यह बात समझमे आएगी,

जब खुदकी मेहनत सकारात्मक रंग लाएगी।


फिट इंडिया तो हिट इंडिया यही आजका नारा है, 

क्योंकी सारे जहॉं से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है। 


अर्चना दीक्षित 

 

बुधवार, २३ सप्टेंबर, २०२०

सत्यमेव जयते

देवा शपथ खर सांगेन खोट कधी बोलत नाही, 

प्रामाणिकपणा अंगी असेल अशी शपथ घ्यावी लागत नाही 


लहानपणापासुन खर बोलाव, सत्याचीच साथ द्यावी,

असेच धडे मनावर पावलो पावली कोरले जाई 


मोठे झाल्यावर काहींना या शिकवणी विसर पडतो, 

मग चुका लपवता लपवता सगळा जन्म वाया जातो


चुकांची माफी मागायला मोठी हिम्मत हवी

स्विकार नाही केला तर होऊन बसते चुक नवी


सत्याचा नेहमी होतो जयजयकार 

अहो असत्याचा मार्ग खुपच बेकार


श्रीरामाने देखील सत्यासाठी सीता माईची परिक्षा घेतली, 

मग सामान्य जनतेला देखील या सत्याची किमत कळली


आता तरी अधर्माची साथ सोडून सत्यमेव जयते म्हणुयात,

आपला विकास तर देशाचा विकास याचे धडे गिरवूयात 


सौ अर्चना दीक्षित 

मुंबई


मंगळवार, २२ सप्टेंबर, २०२०

कॉलेज कट्टा

कॉलेज कट्टा विषयावर लिहिताना गंभीर कस होऊ,

हा विषय तर आपल्या सर्वांना प्रिय ना रे भाऊ


इथेच बनतात दोस्त यार, 

काहींना होतो म्हणे पहिला प्यार,

आपलं मात्र तसलं काही नव्हत,

असल्या परीस्थिती ही मन रमत होतं


कट्ट्यावरच्या चर्चेला कधी यायच उधाण,

विषय रंगला की फर्मान सुटायच, चल चहा आण

राजकारण ते समाजकारण सगळे विषय हाताळायचे, 

जणु काही समाज कल्याणाचे गांभीर्य आम्हालाच असायचे


यारी दोस्तीची दुनिया सारी, 

इथेच शिकलो दुनियादारी 

मैत्रीचे बंध इथेच निर्माण झाले, 

सुख दुःखात नेहमी तेच मदतीस आले


त्या दोस्तीची कहाणी अगदीच न्यारी, 

आजही जी आम्हाला सगळ्यांना प्यारी

सोशल मीडिया मदतीने पुन्हा सगळे एकत्र आलो आहे, 

आमच्या व्हॉट्स अप ग्रुपचे नाव आम्ही कट्टा गँग दिलं आहे 


सौ अर्चना दीक्षित 

मुंबई

शनिवार, १९ सप्टेंबर, २०२०

इच्छाशक्ती

संकल्प आज आपल्याला करायचा आहे,

आत्मनिर्भर भारत बनवायचा आहे. 


लोकल बद्दल वोकल आपल्याला व्हायचे आहे, 

भारताची प्रगती करायची आहे. 


पैसा आहे ,  लोकशाही आहे,  

बास आपली इच्छा शक्ती हवी आहे.


बदलुयात भारतला आज,  

चढवू त्यावर आपल्या मेहनतीचा ताज.


अभिमान आहे मला,  गर्व आहे मला,

विश्वास आहे आपल्या साथीचा मला. 


बिकट परिस्थितीला संधी मानणे, 

हेच आहे एक मनापासून मागणे.


हिच एक संधी,  भारताचा इतिहास बदलण्याची, 

आणि स्वतःच्या योग्यतेची जाणिव करून घ्यायची. 


अर्चना दीक्षित 


शुक्रवार, १८ सप्टेंबर, २०२०

मोदिजी का जन्म दिन

 कठिन परिश्रम अघोर तपस्या करता है,

वही सच्चा तपस्वी है।

दिशाओंको जो मोडनेकी क्षमता रखता है, 

वही मनुष्य तेजस्वी है। 


तन,  मन,  धन से सेवा करता है,

वही सच्चा सेवाभावी है। 

प्राप्ती की अपेक्षा जो नही करता है,  

उसका जीवन प्रभावी है। 


अपने शुद्ध विचारोंको आचरण मे जो लाता है, 

वही मनुष्य सफलता पाता है। 

वसुधैव कुटुंबकं का सच्चा अर्थ समझाता है, 

वही पुरे विश्व का प्रेमी कहलाता है। 


सिर्फ देश नही विदेश भी मे अपना झंडा लहराता है, 

वही पूरे विश्व को अपना मानता है। 

पुरे नर जाती का जो इंद्र है, 

वही नरेंद्र कहलाता है। 


धन्य हो आप,  जीवन सफल हो आपका, 

यही दुआ है ईश्वर से आज।

हमे मिला है सौभाग्य देश सेवाका, 

यकिनन दुनिया करेगी नाज। 


अर्चना दीक्षित 




माझी शाळा

शाळा सुटली पाटी फुटली, 

आई मला भूक लागली 

लहानपणीचे ब्रीद वाक्य हे,

आज आवर्जून आठवते


मित्र मैत्रिणींच्या भेटीची ओढ असायची,

शेजारी आपल्या मैत्रिणीची जागा पकडायची 

प्रार्थनेसाठी रांग बनायची, 

किलकिले डोळे उघडून पाहण्याची मजा वेगळीच असायची


घंटा वाजली की पुढच्या तासाची वही उघडायची घाई,

तास सुरू असताना उगाच खिडकीतून बाहेर डोकावून पाही 

मधल्या सुट्टीत डब्यांची वाटावाटी व्हायची, 

पुढचे तास मात्र जांभई देण्यात जाई


आता ओनलाइन शाळांमुळे लागली आहे वाट,

शिक्षक विद्यार्थी आपापल्या घरात 

वह्या पुस्तकांची जागा लॅपटॉपने घेतली, 

शिक्षकांची बिचार्‍यांची तारांबळ उडाली 


शाळा सुरू व्हायची आता ओढ लागली आहे,

मित्र मैत्रिणींना भेटायची आस लागली आहे 

शिक्षकांची छडी देखील आठवायला लागली आहे, 

माझ्या शाळेची इमारत जणु मला बोलवायला लागली आहे 




गुरुवार, १० सप्टेंबर, २०२०

Shine

My past, my present and the future is mine

Where I know I need to shine. 


It is not Easy, I can't be Lazy 

I wanna go Crazy 

To achieve my Goals 


My past, my present and the future is mine

Where I know I need to shine. 


I have no Fear,  I am a Believer 

I wanna be Achiever

Coz I need to play many such Roles.


My past, my present and the future is mine

Where I know I need to shine.  

Naval Officer's Wife

 I am a proud Defence Officer's wife

With whom tied a knot for the life


He sails in the deep  Oceans 

Where lies all my emotions 


Long sailing keeps us away

From from each other 

Then the word Love 

Becomes really stronger


I am a proud Defence Officer's wife

With whom tied a knot for the life


He has a passion 

For the Nation First

But he equaly loves me

Is my Trust 


I am a proud Defence Officer's wife

With whom tied a knot for the life


Written by 

Mrs Archana Dixit 





Combating Corona

 Sunday 9 Minutes @ 9 PM

As mentioned by the honourable PM 


Let's all come Together 

Isolate Ourselves,  don't Gather 


Spread the Light of Hope 

Without assembling in a Group 


We stand for Each Other 

& Show the world We don't Gather


Lighting Lamps is our Tradition & Culture 

Millions of small Lights will brighten our Future


(Mrs Archana Dixit)

Mother's Day

 Mother,  you gave me Birth 

On this planet Earth


You taught me each Letter 

To understand this world Better


You taugh me how to Walk

You taught me how to Talk


You made me Stronger

You made me a Believer


Words will not be enough to describe You

My Emotions and Feelings are only You


I want to Thank the Almighty Today 

And wish you Happy Mother's Day 


Archana Dixit 

आत्मनिर्भर भारत

 संकल्प आज हमे ये करना है,

आत्मनिर्भर भारत बनाना है। 


लोकल से वोकल हमे बनना है, 

भारत को आगे बढाना है। 


पैसा है,  लोकशाही है,  

बस हमारी चाह जरुरी है। 


बदल देंगे भारत को आज,  

पहनाकर रहेंगे, इसपर ताज। 


नाझ है सबपर,  गर्व है सबपर,

विश्वास है आपके साथपर। 


आपदा को अवसर मे बदलना, 

है सबको अवगत ये ज्ञान। 


यही अवसर है,  भारत के इतिहास को बदलनेका। 

अपने आपको जरा गौरसे जाननेका। 


अर्चना दीक्षित 


मेरा आंगन

मेरे घर के सामने एक छोटासा आंगन,

जहा हर दिन पुकारे मेरा मन। 


थोडी जमीन तु साफ भी कर दे, 

उसमे थोडी आज मिट्टी भी डाल दे। 


अब कुछ पौधे लगाकर तो देखो, 

आंगन को बगीचा बनते तो देखो। 


थोडा खाद उनको भी दे दो, 

और पानी भी उन्हे हर दिन दे दो। 


मेरे आंगन कि आज मैने सुन ली, 

जिससे बगीचे की हर कली खिली। 


तितलीयोंका आना - जाना रहेगा, 

पंछीयोंके चहकनेसे आंगन खिल उठेगा। 


चलो ये हम संकल्प करते है, 

और जागतिक पर्यावरण दिन मनाते है। 


अर्चना दीक्षित 





 

बुधवार, ९ सप्टेंबर, २०२०

Father's Day

He, who is always silent , but Observes

Speaks only with few Words


He hides emotions,  but of course he Cares

He cries,  but with invisible Tears


He helps us to stay Strong,

He guides, if we go Wrong


He, who is known as Dad,  Papa or Appa

We even call him my dear Baba


Dad we always love you 

Dad we always respect you


Today is a day,  we want to extend our Gratitude 

Dad you have always taught us the positive Attitude 


Mrs Archana Dixit 





 


 

न्यु नॉर्मल

 लॉकडाउन ले ली मेरी जान, 

सच कहुं तो बचाई सबकी जान।


इसके बीच ट्रांसफर आना,  लगे है आफत, 

पर दोस्तोंने करदि दूर ये मुसिबत। 


लॉकडाउन मे पॅकिंग, लगी बडी नौबत,

पर समाधान दिलाती है, अपनी ही मेहनत। 


जा रही हूं जीने मै न्यु नॉर्मल लाईफ, 

ईसकोही बनाना है अब वे ऑफ लाईफ। 


थँक्स फॉर एव्हरीथिंग,  ये नही कहुंगी, 

इससे अपनी दोस्ती को नही दुखाउंगी। 


फिर मिलेंगे,  मिलते रहेंगे,  ये आशा है सबसे, 

सब खैरीयत से रहे,  ये दुआ है रब से।🙏


अर्चना दीक्षित 


Ganpati Bappa Morya

 He who is worshiped before any God,

He is our dear Ganesha, Our Lord


Stays Calm and Composed in every situation,

His blessings ensure that we achieve our mission 


Big or Small is just a Size,

He fulfills our wishes, he is the God who's Wise


Never set Goals just to win a Prize,

Failures would surely help us Rise


Everyone welcomes Him with a Positive Attitude, 

Through different methods, display their Gratitude 


Ganpati Bappa Morya 

Ganpati Bappa Morya 

Our voice should be very Loud 

He will come every year & vanquish the dark Cloud 


Mrs Archana Dixit







कारगिल विजय दिवस


         जन्म भूमि यह, कर्म भूमि यह, 

         ऐसा कोई देश नही,  जो भारत माँ की ले ये जगह। 


        कारगिल के विजय दिवस पर होता है अभिमान, 

        भारतीय नौसेना की मे भी हूँ एक संतान। 


         देश की रक्षा धर्म है मेरा, 

         अपने शौर्य से दुश्मन को दूँ डरा।


         समुंदर की लहरे है पुकारती, 

         जिसकी करु मै सदैव आरती। 


         तिरंगेके रक्षा के खातिर,

         नही कोई लक्ष्मण की लकीर। 


         मै चल पडू,  लहरोंपर हो संवार, 

         चाहे जितने हो मुझपर वार। 


         अभिमान है मुझको,  गर्व नही, 

         नौसैनिक से बढकर दुजा पर्व नही। 


अर्चना दीक्षित 

त्योहार

 त्योहारोंका मौसम आता है,  

सबके दिलोंमे उत्साह जगाता है। 


चाहे हिंदू हो,  या हो मुसलमान, 

कोई सिख,  तो कोई ईसाई

बस एक भावना जगाता है,  

आपसमे कभी हम ना करे लडा़ई। 


उंच-नीच का नही है संबंध, 

न कोई भाषा की मर्यादा है

हर मनुष्य अपनी श्रद्धा से

हर त्योहार मनाता है। 


इन त्योहारोंसे ही खिलता है हर आंगन,

जाती,  प्रजाती मत रखो ना बंधन। 


हर साल के तरह इस साल भी त्योहर मनाते है,  

सारी बुराईयोंको और बिमारीयोंको भगाते है। 



आठवडा बाजार

 मोठमोठे नेते येऊन इथे करतात प्रचार, 

पुर्वीसारखा लाऊ म्हणे आठवडा बाजार


फक्त भाजीपालाच काय,खरेदी करा वस्तू इथे गरजेच्या, 

इमारती बांधू इथे मोठ्या मोठ्या 

दुकानांच्या


ब्रँडेड आयटमची ऊभारूयात दालनं, 

पैशाची गुंतवणूक करण्याची योजना आखालनं 


नका करू असं मालक गरीब होऊन जाईल लाचार, 

प्रत्येकाच्या मेहनतीचा होऊद्या ना प्रचार


एकमेकांना सहाय्य करू 

बनुयात वोकल फॉर लोकल,

आठवडाच काय बाजार भरवू आपण बनुयात ग्लोबल 


गरीब श्रीमंत असा भेदभाव रहाणार नाही, 

एकात्मतेविरूद्ध बोलणारी तोंडच उघडणार नाही


सौ अर्चना दीक्षित 

मुंबई

बाप्पा मोरया

 तुझ्या आगमनाची चाहूल लागताच सगळे बाजारही सजतात, 

तुझे रूप मनी चिंतुन आपल्या जातीलाही विसरतात 


तुझी माया अशीच राहू दे 

जातीची कवाडं बंद होऊ दे 

प्रत्येकात ऐक्य वाढु दे

हाच तुझा आशिर्वाद असु दे 


दहा दिवस तुझ्या उत्सवात परंपरेची जाणीव होते, 

भक्तांच्या मनोकामना तुझ्या ठाई पूर्ण होते


तुझ्या परतीचा दिवस येतो,

प्रत्येक भक्त मग हळवा होतो


पाठवण करतांना उर भरून येतो

नभातला थेंब मग डोळ्यातून वाहतो 


गणपती बाप्पा मोरया 

पुढच्या वर्षी लवकर या 

याचा गजर दाही दिशांना घुमतो 

पाणावले डोळे भक्त जड अंतःकरणाने पुसतो


सौ अर्चना दीक्षित