ना जाने कब ये कायदा आएगा,
जो लडकीयोंको इंसाफ दिलाएगा।
लडकों को भी दो सामाजिक ज्ञान,
औरतके प्रती सिखाओ सम्मान।
पेहराव पे लडकीके रखो नजर,
वर्ना हो जाएगा एक दिन कहर।
जब तक बलात्कारीयोंको ना हो कठोर शिक्षा,
तब तक स्त्री को कैसे महसुस होगी सुरक्षा।
आज जन जन का बस यही नारा हो,
महिलाओंकी सुरक्षा न गवारा हो।
जब तक कठोर कायदा नही आएगा,
तब तक ये अत्याचार होता रहेगा।
इसलिए कायदा कानून जरुरी है,
तब तक न्याय व्यवस्था अधूरी है।
अर्चना दीक्षित
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