काहे रचाते हो ऐसा खडयंत्र,
अपनोसे अपनो के विरूद्ध का है ये षडयंत्र।
कबतक करोगे जाती का नाम लेकर राजनीती,
ये कैसी कर रहे हो कुटनिती।
क्युं करते हो जाती का नाम लेकर प्रचार,
अरे नही चाहिए हमे ऐसी सरकार।
कसम खातें है, हम नही लेंगे जाती का आधार,
खुदके बलबूतेपर चलाएंगे कारोबार।
यही वजह है, जिससे बन गए अपने भी पराए,
भूल जाओ ये सब, चलो फिरसे भाईचारा बढाए।
अर्चना दीक्षित
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